लोकसभा चुनाव से पहले, अनुभवी गायिका अनुराधा पौडवाल ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया। पार्टी मुख्यालय में भाजपा नेताओं के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पौडवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की और कहा कि वह उनके नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल होकर खुश हैं।
प्रसिद्ध पार्श्व गायिका, जिन्हें देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था, राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह और मुख्य प्रवक्ता अनिल बलूनी सहित वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुईं।
पौडवाल ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों और नेतृत्व से बहुत प्रभावित हूं। उन्होंने देश के लिए बहुत कुछ किया है और मैं उनके नेतृत्व वाली पार्टी का हिस्सा बनकर खुश हूं।”
उन्होंने कहा, “मैं हमेशा से ही देश की सेवा करना चाहती थी और मुझे लगता है कि भाजपा ही वह पार्टी है जो देश को आगे ले जा सकती है।”
यह पूछे जाने पर कि क्या वह आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेंगी, पौडवाल ने कहा, “मुझे अभी तक नहीं पता, वे मुझे जो भी सुझाव देंगे, मैं करूंगी।”
इससे पहले, 2019 के लोकसभा चुनावों में भी पौडवाल पीएम मोदी के समर्थन में सामने आई थीं और लोगों से उनके लिए वोट करने का आग्रह किया था। वह उन 900 बॉलीवुड कलाकारों में भी शामिल थीं, जिन्होंने लोगों से लोकसभा चुनाव में भाजपा को वोट देने की अपील करते हुए एक याचिका पर हस्ताक्षर किए थे।
अनुराधा पौडवाल बॉलीवुड की जानी-मानी गायिका हैं। उन्होंने हिंदी फिल्मों में कई लोकप्रिय गाने गाए हैं। हालांकि, उन्होंने तमिल, नेपाली, बंगाली, कन्नड़ और अन्य भाषाओं में भी गाने गाए हैं।
उनके कुछ प्रसिद्ध गीतों में “दिल है की मानता नहीं”, “मेरे ख्वाबों में जो आए”, “कहने को जिया बेकरार है”, “तेरे मेरे सपने अब एक रंग के” और “ये मौसम रंगीला” शामिल हैं।
पौडवाल के भाजपा में शामिल होने से पार्टी को मजबूती मिलने की उम्मीद है।
अनुभवी गायिका अनुराधा पौडवाल का भाजपा में शामिल होना पार्टी के लिए एक रणनीतिक कदम के रूप में भी देखा जा रहा है। पौडवाल की लोकप्रियता न केवल हिंदी फिल्म जगत में बल्कि पूरे भारत में है। उन्होंने कई क्षेत्रीय भाषाओं में गाने गाए हैं, जिससे उनकी फैन फॉलोइंग काफी व्यापक है। चुनावों के नजदीक आते हुए, यह माना जा रहा है कि उनका भाजपा में शामिल होना पार्टी को विशेष रूप से महिला मतदाताओं तक पहुंचने में मदद करेगा।
इसके अलावा, पौडवाल का पार्टी के हिंदुत्व विचारधारा के प्रति सार्वजनिक समर्थन भी भाजपा के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। पौडवाल ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वह उस पार्टी में शामिल होने से खुश हैं जिसका “सनातन (धर्म) से गहरा संबंध है।” माना जा रहा है कि उनका यह बयान पार्टी के राष्ट्रवादी एजेंडे को मजबूत करेगा।
हालांकि, पौडवाल का यह कदम विवादों से भी घिरा हुआ है। कुछ लोगों का मानना है कि कलाकारों को राजनीति से दूर रहना चाहिए। उनका कहना है कि इससे कलाकारों की छवि प्रभावित होती है और उनके प्रशंसक भी बंट जाते हैं। वहीं, कुछ अन्य का कहना है कि लोकतंत्र में हर किसी को राजनीति में शामिल होने का अधिकार है और पौडवाल के इस फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए।
कुल मिलाकर, अनुराधा पौडवाल का भाजपा में शामिल होना आगामी लोकसभा चुनावों में पार्टी की रणनीति का अहम हिस्सा बन गया है। यह देखना बाकी है कि उनका यह कदम पार्टी को कितना फायदा दिला पाता है।