क्या आप सोच सकते हैं कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों राजस्थानी शाही पोशाक में नजर आएंगे? हां, जयपुर में कुछ ऐसा ही हुआ! गणतंत्र दिवस से पहले के इस ऐतिहासिक दौरे पर मैक्रों ने भारत की संस्कृति को अपनाते हुए सभी को चौंका दिया।
मैक्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जयपुर के कई खूबसूरत स्मारकों का दौरा किया, जिनमें आमेर किला, जंतर मंतर और हवा महल शामिल हैं। दोनों नेताओं ने एक खुली जीप में जयपुर की सड़कों पर एक रोडशो भी किया, जिसका लोगों ने जोरदार स्वागत किया।
इस यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण पहलू था भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी को मजबूत बनाना। दोनों नेताओं ने आतंकवाद विरोधी सहयोग, जलवायु परिवर्तन, और भारत-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।
मैक्रों की यात्रा से दोनों देशों के बीच आर्थिक और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। फ्रांस भारत में रक्षा, परमाणु ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में निवेश करने का इच्छुक है। साथ ही, भारत को फ्रांस की अत्याधुनिक तकनीक का भी लाभ मिलेगा।
इस यात्रा से भारत और फ्रांस के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा मिलेगा। फ्रांस भारतीय संस्कृति और कला में गहरा रूचि रखता है, और इस यात्रा से दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक सहयोग के नए अवसर खुलेंगे।
कुल मिलाकर, राष्ट्रपति मैक्रों की जयपुर यात्रा को भारत-फ्रांस संबंधों में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा सकता है। इस यात्रा से दोनों देशों के बीच मजबूत साझेदारी बनाने और भविष्य में सहयोग को और बढ़ावा देने की उम्मीद है।
इस यात्रा ने न केवल भारत-फ्रांस के संबंधों को मजबूत किया, बल्कि इतिहास के पन्नों में भी एक यादगार पल दर्ज कर दिया। मैक्रों का 'राजपूत' अवतार और दोनों देशों के बीच बढ़ती दोस्ती भविष्य के लिए एक सकारात्मक संकेत है।