दमोह जिले के पथरिया ब्लॉक के 80 से अधिक सरकारी स्कूलों की बिजली काट दी गई है।
यह कार्रवाई बिजली कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर की गई है। बताया जा रहा है कि इन स्कूलों द्वारा बिजली बिल का भुगतान नहीं किया गया था।
बिजली कंपनी का दावा
बिजली कंपनी के जेई सुनील पांडे ने बताया कि करीब साढ़े छह लाख रुपये बिजली बिल बकाया है। बिल जमा करने के लिए विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में उनके कर्मचारियों ने कई बार संपर्क किया, लेकिन बीईओ के द्वारा कोई सहयोग नहीं दिया गया। उन्हें यह भी बताया गया कि मार्च क्लोजिंग का समय चल रहा है इसलिए बिलों का भुगतान करना आवश्यक होगा, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया।
शिक्षा विभाग का दावा
विकासखंड शिक्षा अधिकारी आरके खरे ने बताया कि चार बिल ट्रेजरी में भुगतान के लिए भेज दिए हैं बाकी बंटन ना मिलने के कारण बिल जमा नहीं हो पा रहे। क्योंकि बिजली कंपनी ने कनेक्शन काट दिए हैं इसलिए एसडीएम को भी पत्र लिखकर जानकारी दी जा रही है।
स्कूलों की परेशानी
बिजली कट जाने से स्कूलों में परीक्षाएं, कंप्यूटर, फोटोकॉपी, पानी की व्यवस्था, सरकारी काम, छात्रों की पढ़ाई, और छात्रावासों में भी परेशानी हो रही है।
दमोह जिले के पथरिया ब्लॉक के 80 से अधिक सरकारी स्कूलों में बिजली कटौती का मामला शिक्षा विभाग और बिजली कंपनी के बीच खींचतान का उदाहरण बन गया है। एक तरफ बिजली कंपनी का दावा है कि करीब साढ़े छह लाख रुपये का बिल बकाया होने के कारण कनेक्शन काटे गए, वहीं दूसरी तरफ शिक्षा विभाग का कहना है कि बिलों का भुगतान किया जा रहा है, लेकिन प्रक्रियागत अड़चनों के चलते देरी हो रही है। इस पेचीदा स्थिति में सबसे ज्यादा परेशानी का सामना स्कूलों के छात्रों और शिक्षकों को करना पड़ रहा है।
बिजली विभाग के जेई सुनील पांडे का कहना है कि उन्होंने कई बार विकासखंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) कार्यालय से संपर्क किया और बकाया राशि जमा करने का आग्रह किया। उनका दावा है कि बीईओ कार्यालय से कोई सहयोग नहीं मिला और बिलों का भुगतान टालने की कोशिश की गई। मार्च महीने के अंत में बकाया राशि वसूली का टारगेट पूरा करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर कनेक्शन काटने की कार्रवाई की गई।
हालांकि, बीईओ कार्यालय के मुख्य लिपिक एमके शांडिल्य का कहना है कि चार बिल तो भुगतान के लिए ट्रेजरी भेज दिए गए हैं, लेकिन बाकी बिलों का भुगतान प्रक्रिया में अड़चन आ रही है। उनका दावा है कि बिल जमा करने के लिए विभाग को जरूरी फंड का बंटन नहीं हुआ है। बिजली कटौती के बाद विभाग ने एसडीएम को भी इस मामले की जानकारी दे दी है।
इस पूरे विवाद में सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं स्कूल के छात्र और शिक्षक। बिजली कटौती के कारण स्कूलों में चल रही परीक्षाएं प्रभावित हो रही हैं। कक्षाओं में अंधेरा होने से पढ़ाई में दिक्कतें आ रही हैं। कंप्यूटर बंद पड़े होने से प्रोजेक्ट वर्क और ऑनलाइन रिसर्च में बाधा उत्पन्न हो रही है। फोटोकॉपी की सुविधा न होने से परीक्षा संबंधी दस्तावेजों को तैयार करने में भी परेशानी हो रही है।
यही नहीं, बिजली कटौती के कारण स्कूलों में पानी की आपूर्ति भी बाधित हो गई है। गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है और इतने सारे छात्रों के लिए पर्याप्त पेयजल की व्यवस्था करना मुश्किल हो रहा है। स्कूलों में होने वाले सरकारी कामकाज भी प्रभावित हो रहे हैं। ऑनलाइन पोर्टल पर जरूरी सूचनाओं को दर्ज करने का काम भी रुका हुआ है।
शिक्षा विभाग और बिजली कंपनी के बीच इस खींचतान का असर स्कूलों के वातावरण और छात्रों की पढ़ाई पर भी पड़ रहा है। ग्यारहवीं कक्षा की छात्रा आरती और मेघा का कहना है कि स्कूल में अंधेरा रहने से पढ़ाई में दिक्कत होती है। बिजली न होने के कारण पानी की किल्लत भी हो रही है। स्कूल प्रशासन का कहना है कि परीक्षा के दौरान प्रतिदिन करीब 400 छात्र परीक्षा देने आते हैं, ऐसे में इतने सारे बच्चों के लिए पेयजल की व्यवस्था करना मुश्किल हो रहा है।