आगामी लोकसभा चुनाव के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वोटर वेयरीफायबल पेपर आडिट ट्रेल (वीवीपैट) तैयार हो चुके हैं। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में पहले दौर की जांच प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
विधानसभा चुनाव में जिन मशीनों का उपयोग किया गया था, उसका डाटा हटा दिया गया है यानी ये मशीनें अब पूरी तरह से खाली हैं और मतदान के लिए तैयार हैं।
मशीनों को स्ट्रांग रूम में रखा गया है
इन्हें वापस स्ट्रांग रूम में रखा जा चुका है और अब ये नाम वापसी के बाद उस समय निकलेंगी, जब प्रत्याशियों का नाम और उनके चुनाव चिह्न का बैलेट पेपर लगाया जाएगा। यह प्रक्रिया भी राजनीतिक दल या प्रत्याशी या उनके अधिकृत प्रतिनिधि की उपस्थिति में संपन्न की जाएगी। इसके बाद फिर मशीन स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रख दी जाएंगी और मतदान से एक दिन पूर्व निकालकर मतदान दल के साथ संबंधित मतदान केंद्रों पर भेजी जाएंगी।
मतदान से पहले दो बार ईवीएम की होगी जांच
यहां भी मतदान से एक घंटे पहले माकपोल कराया जाएगा। इसके लिए प्रत्याशियों को पूर्व सूचना दी जाएगी ताकि वे इस प्रक्रिया के समय स्वयं उपस्थित रहें या फिर अपने किसी प्रतिनिधि को अधिकृत करके भेजें। चुनाव आयोग यह प्रक्रिया इसलिए करता है ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है
इसके साथ ही जागरुकता को लेकर अभियान भी चलाया जा रहा है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि रिटर्निंग आफिसर के कार्यालय में ईवीएम और वीवीपैट का प्रदर्शन किया जा रहा है ताकि मतदान प्रक्रिया को समझ सकें।
चुनाव आयोग ने कहा है कि वह मतदान प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहा है।
ईवीएम और वीवीपैट की गहन जांच प्रक्रिया
चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि मतदान प्रक्रिया निष्पक्ष और त्रुटिपूर्ण हो। इसलिए, ईवीएम और वीवीपैट की कई स्तरों पर जांच की जाती है। पहले दौर की जांच, जिसका उल्लेख लेख में किया गया है, मशीनों की बुनियादी कार्यक्षमता और सटीकता का परीक्षण करती है। इसमें यह सुनिश्चित करना शामिल है कि मशीनें सही उम्मीदवार के लिए वोट दर्ज करती हैं और वीवीपैट पर्ची मतदान के साथ मेल खाती है।
इसके अलावा, मतदान से पहले एक मॉक पोल आयोजित किया जाता है, जहां वास्तविक मतदान की तरह ही मतदान का अभ्यास किया जाता है। यह प्रक्रिया मतदान कर्मचारियों को मशीनों के संचालन में अभ्यस्त कराने और किसी भी तकनीकी समस्या का पता लगाने में मदद करती है। उम्मीदवारों और उनके प्रतिनिधियों को भी मॉक पोल में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाता है, ताकि वे स्वयं प्रक्रिया को देख सकें।
मतदाताओं के लिए जागरूकता अभियान
चुनाव आयोग मतदाताओं को ईवीएम और वीवीपैट के कामकाज के बारे में शिक्षित करने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाता है। इसमें टेलीविजन और रेडियो विज्ञापन, सोशल मीडिया अभियान, पंफलेट वितरण, और मतदान केंद्रों पर ईवीएम के लाइव प्रदर्शन शामिल हैं। यह अभियान मतदाताओं को मतदान प्रक्रिया में विश्वास दिलाने और मतदान के दिन किसी भी भ्रम को दूर करने में मदद करता है।
मतदाताओं की जिम्मेदारी
हालाँकि चुनाव आयोग मतदान प्रक्रिया की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करता है, लेकिन मतदाताओं की भी एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है। मतदान के दिन अपना वोट डालते समय, मतदाताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वीवीपैट पर्ची पर उनके द्वारा चुने गए उम्मीदवार का सही नाम और चुनाव चिन्ह प्रदर्शित हो रहा है। यदि कोई विसंगति है, तो उन्हें तुरंत मतदान कर्मचारी को सूचित करना चाहिए।