कोरोना काल में ख्याति प्राप्त गिलोय, अब कैंसर से लड़ने में भी सहायक
झांसी, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय: कोरोना महामारी के दौरान, गिलोय ने अपनी औषधीय गुणों के कारण लोगों को खूब सहारा दिया। रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए लोग गिलोय का सेवन करते थे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गिलोय कैंसर से भी लड़ने में सहायक हो सकता है?
झांसी के बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के बायो टेक्नोलॉजी विभाग में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है। डॉ. सुनीति यादव, जो इस रिसर्च टीम का नेतृत्व कर रही हैं, बताती हैं कि गिलोय में एंटी-कैंसर और एंटी-बैक्टीरियल तत्व पाए जाते हैं। गिलोय कैंसर को पूरी तरह से ठीक तो नहीं कर सकता, लेकिन कैंसर के प्रभाव को कम करने में इसका महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है।
गिलोय भारत में पाया जाने वाला एक औषधीय पौधा है। यह एक बेल है जो किसी पेड़ के सहारे ऊपर चढ़ती है। आयुर्वेद और लोक चिकित्सा में इसे एक महत्वपूर्ण हर्बल पौधा माना जाता है।
डॉ. सुनीति बताती हैं कि गिलोय के पत्ते और जड़ भी औषधीय गुणों से भरपूर हैं। अभी तक लोग गिलोय का सिर्फ तना इस्तेमाल करते थे, लेकिन रिसर्च में यह बात भी सामने आई है कि गिलोय के पौधे का फूल, पत्ता और जड़ भी फायदेमंद होते हैं। इस पौधे में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण भी पाए गए हैं। यह पौधा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
गिलोय के कुछ प्रमुख फायदे:
- रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है
- बुखार को कम करता है
- डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों में सहायक
- पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है
- मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करता है
- जोड़ों के दर्द से राहत देता है
- त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद
गिलोय का सेवन कैसे करें:
गिलोय को विभिन्न तरीकों से सेवन किया जा सकता है, जिनमें से कुछ प्रमुख तरीके निम्नलिखित हैं:
1. गिलोय का जूस:
- गिलोय के ताजे पत्तों या तने को पानी में उबालकर जूस बनाया जा सकता है।
- जूस को स्वादिष्ट बनाने के लिए आप इसमें शहद या नींबू का रस मिला सकते हैं।
- दिन में दो बार 10-20 मिलीलीटर गिलोय का जूस सेवन करें।
2. गिलोय की चाय:
- गिलोय के सूखे तने को पानी में उबालकर चाय बनाई जा सकती है।
- चाय में स्वाद के लिए आप अदरक, तुलसी या नींबू का रस मिला सकते हैं।
- दिन में दो बार गिलोय की चाय का सेवन करें।
3. गिलोय का घनवटी:
- गिलोय का घनवटी आयुर्वेदिक दुकानों में आसानी से उपलब्ध है।
- डॉक्टर द्वारा बताई गई मात्रा में गिलोय का घनवटी पानी के साथ सेवन करें।
4. गिलोय का पाउडर:
- गिलोय के सूखे पत्तों या तने को पीसकर पाउडर बनाया जा सकता है।
- गिलोय का पाउडर दूध या पानी के साथ मिलाकर सेवन करें।
- डॉक्टर द्वारा बताई गई मात्रा में गिलोय का पाउडर सेवन करें।
गिलोय का सेवन करते समय कुछ महत्वपूर्ण बातें:
- गिलोय का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।
- गिलोय का सेवन गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।
- गिलोय का अधिक मात्रा में सेवन करने से साइड इफेक्ट हो सकते हैं, जैसे कि दस्त, पेट दर्द, और एलर्जी।
- गिलोय को धूप में सुखाकर इसका इस्तेमाल किया जाता है।
- गिलोय का स्वाद कड़वा होता है, इसलिए इसे शहद या किसी अन्य स्वादिष्ट चीज़ के साथ मिलाकर भी सेवन किया जा सकता है।
गिलोय के फायदे:
- रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है
- बुखार को कम करता है
- डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों में सहायक
- पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है
- मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करता है
- जोड़ों के दर्द से राहत देता है
- त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद
निष्कर्ष:
गिलोय एक प्राकृतिक औषधि है जो कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने में मदद करती है। गिलोय का सेवन विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है। गिलोय का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।
गिलोय का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।
गिलोय एक अद्भुत औषधीय पौधा है जो कई स्वास्थ्य समस्याओं में लाभदायक है। यह कैंसर से लड़ने में भी सहायक हो सकता है। गिलोय को अपनी डाइट में शामिल करके आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।