प्रमुख न्यायाधीश ने आज यूपी में एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय के विषय में बात की। यह विद्यालय रायबरेली जनपद में स्थित है, और इसके बारे में सुनकर लोग अचंभित हो जाएंगे। इस स्कूल में बच्चों को बेहतर शिक्षा के साथ-साथ अत्याधुनिक सुविधाएं भी प्रदान की गई हैं।
डिडौली प्राथमिक विद्यालय के बारे में जानकारी मिलने पर लगता है कि यहां की सुविधाएं काफी उत्कृष्ट हैं। इस विद्यालय के दीवारों से लेकर कक्षाओं तक, हर जगह पर उच्चतम क्वालिटी की सुविधाएं हैं। बच्चों को पढ़ाई के लिए पूरी तरह से आधुनिक क्लासरूम प्रदान किए गए हैं, जिसमें हर कक्षा में एयर कंडीशनर लगा है। इसके अलावा, प्रत्येक कक्षा में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जिससे विद्यालय प्रशासन को बच्चों की सुरक्षा का ख्याल रखने में मदद मिलती है।
विद्यालय की इंचार्ज प्रधानाध्यापिका अंजलि अवस्थी ने बताया कि इस विद्यालय को बेहतर बनाने के लिए ग्राम पंचायत की महिला ग्राम प्रधान पूनम सिंह के प्रयासों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि पहले यहां की संख्या बहुत कम थी, लेकिन इसके बाद से सुविधाओं को बेहतर बनाने के प्रयासों से इस विद्यालय में बच्चों की संख्या में वृद्धि हुई है। उन्होंने इसे ग्रामीण इलाकों में शिक्षा के स्तर को उन्नत करने का एक प्रयास माना है।
इस विद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भी महत्व दिया जाता है। बच्चों को सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, बल्कि कला, संगीत, नृत्य, खेल-कूद आदि के क्षेत्र में भी स्वतंत्रता मिलती है। इसके अलावा, विभिन्न विषयों के कलाकृतियों को दीवारों पर उकेरा गया है, जो बच्चों को विषयों को समझने में मदद करती है।
इस स्कूल में पढ़ने वाली एक छात्रा, अंशिका, ने बताया कि पहले वह एक निजी स्कूल में पढ़ाई करती थी, लेकिन उसे इस सरकारी स्कूल में पढ़ाने के बाद उसे बेहतर सुविधाएं मिली हैं। रायबरेली जनपद के डिडौली की महिला ग्राम प्रधान, पूनम सिंह, ने इस विद्यालय के बारे में बात करते हुए कहा कि बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं, और इसलिए हमें उन्हें बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रयासरत होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि उनका सपना है कि गांव के बच्चे भी कॉन्वेंट स्कूलों के बच्चों की तरह उच्च शिक्षा प्राप्त करें।
इस तरह, यह सरकारी प्राथमिक विद्यालय न केवल बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान कर रहा है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को भी ऊंचा करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे पता चलता है कि सरकारी स्कूलों में भी उच्चतम क्वालिटी की शिक्षा प्रदान की जा सकती है, यदि उन्हें उचित सुविधाएं और संसाधन प्रदान किए जाएं।
इस सरकारी प्राथमिक विद्यालय का उदाहरण प्रदर्शित करते हुए यह कहा जा सकता है कि शिक्षा के क्षेत्र में सार्वजनिक या निजी स्कूलों का मानविकी सम्पन्नता के स्तर को मान्यता देने की आवश्यकता है। इससे न केवल शिक्षा के क्षेत्र में समानता और विकास होगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंख्या के अधिक होने के कारण भी शिक्षा का स्तर बढ़ेगा। ऐसे प्रयासों से हम समाज के हर वर्ग को शिक्षित और सशक्त बनाने की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।